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जो द्रढ़ राखे धरम को ताहि राखे करतार
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सूर्यवंशी न्यारा का ये राजवाडा रथ चलता रहेगा!
पीढियों के रक्त में इसका सुयश बना रहेगा!
रीती रघुकुल की जिसे शिव से विरासत में मिली हो!
आंधियो में वह दिया जलता रहेगा!!
जय मातेश्वरी की सा !~!~
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"हम मृतयु वरन करने वाले जब जब हथियार उठाते हैं
तब पानी से नहीं शोनीत से अपनी प्यास बुझाते हैं
हम राजपूत वीरो का जब सोया अभिमान जगता हैं
तब महाकाल भी चरणों पे प्राणों की भीख मांगता हैं"
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धन्य हुआ रे राजस्थान,जो जन्म लिया यहां प्रताप ने।
धन्य हुआ रे सारा मेवाड़, जहां कदम रखे थे प्रताप ने॥
फीका पड़ा था तेज़ सुरज का, जब माथा उन्चा तु करता था।
फीकी हुई बिजली की चमक, जब-जब आंख खोली प्रताप ने॥
जब-जब तेरी तलवार उठी, तो दुश्मन टोली डोल गयी।
फीकी पड़ी दहाड़ शेर की, जब-जब तुने हुंकार भरी॥
था साथी तेरा घोड़ा चेतक, जिस पर तु सवारी करता था।
थी तुझमे कोई खास बात, कि अकबर तुझसे डरता था॥
हर मां कि ये ख्वाहिश है, कि एक प्रताप वो भी पैदा करे।
देख के उसकी शक्ती को, हर दुशमन उससे डरा करे॥
करता हुं नमन मै प्रताप को,जो वीरता का प्रतीक है।
तु लोह-पुरुष तु मातॄ-भक्त,तु अखण्डता का प्रतीक है॥
हे प्रताप मुझे तु शक्ती दे,दुश्मन को मै भी हराऊंगा।
मै हु तेरा एक अनुयायी,दुश्मन को मार भगाऊंगा॥
है धर्म हर हिन्दुस्तानी का,कि तेरे जैसा बनने का।
चलना है अब तो उसी मार्ग,जो मार्ग दिखाया प्रताप ने॥
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हाथ में उठाकर तलवार , जब घोड़े पे सवार होते है !
बाँध के साफा , जब तैयार होते है !देखती है दुनिया छत पर चदके
ओर कहती है
काश हम भी "राजपूत" होते.!
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"माई ऐडा पूत जण जैडा राणा प्रताप
अकबर सोतो उज के जाण सिराणे साँप"
"चार बांस चौबीस गज, अष्ट अंगुल प्रमाण
ता ऊपर सुलतान है, मत चूके चौहान"
"बलहट बँका देवड़ा, करतब बँका गौड़
हाडा बँका गाढ़ में, रण बँका राठौड़"
जननी जने तो ऐडा जने के दाता के सुर ......
नितर राहिजे बान्झानी मति घमाजे नूर ....
डी ग्रेट राजपूत ऑफ़ राजस्थान ....
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घास री रोटी ही , जद बन बिलावडो ले भाग्यो
नान्हो सो अमरियो चीख पड्यो,राणा रो सोयो दुख जाग्यो
अरे घास री रोटी ही…………
हुँ लड्यो घणो , हुँ सहयो घणो, मेवाडी मान बचावण न
हुँ पाछ नहि राखी रण म , बैरयां रो खून बहावण म
जद याद करुं हल्दीघाटी , नैणां म रक्त उतर आवै
सुख: दुख रो साथी चेतकडो , सुती सी हूंक जगा जावै
अरे घास री रोटी ही…………
पण आज बिलखतो देखुं हूं , जद राज कंवर न रोटी न
हुँ क्षात्र धरम न भूलूँ हूँ , भूलूँ हिन्दवाणी चोटी न
महलां म छप्पन भोग झका , मनवार बीना करता कोनी
सोना री थालयां ,नीलम रा बजोट बीना धरता कोनी
अरे घास री रोटी ही…………
ऐ हा झका धरता पगल्या , फूलां री कव्ठी सेजां पर
बै आज रूठ भुख़ा तिसयां , हिन्दवाण सुरज रा टाबर
आ सोच हुई दो टूट तडक , राणा री भीम बजर छाती
आँख़्यां म आंसु भर बोल्या , म लीख़स्युं अकबर न पाती
पण लिख़ूं कियां जद देखूँ हूं , आ रावल कुतो हियो लियां
चितौड ख़ड्यो ह मगरानँ म ,विकराल भूत सी लियां छियां
अरे घास री रोटी ही…………
म झुकूं कियां है आण मन , कुठ्ठ रा केस
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JINDAGI TO~~~RAJPUT~~~JIYA KARTE HAIN,
DIGGAJON KO PACHAD KAR RAJ KIYA KARTE HAIN,
KON RAKHTA HAI KISI KE SIR PAR TAJ,
~~~RAJPUT~~~TO AAPNA RAJTILAK SWAYAM APNE RAKHT SE KIYA KARTE HAIN...!!!
PHOOLO KI KAHANI LIKHI BAHARO NE,
RAAT KI KAHANI LIKHI SITARON NE,
~~~RAJPUT~~~NAHI KISI KALAM KE GULAM,
KYONKI~~~RAJPUTOO~~~KI KAHANI LIKHI TALVARO NE...!!!
:::::PROUD TO BE RAJPUT::::
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Rajput pride in my mind
Rajput blood is in my kind
So step aside and lemne through
beause itz all about rajput crew
Rajput love is all around
For my fellow rajput never let me down
Show your pride and say it true
beause rajput blood flow through you
Our bond is seen all around
Fellow RAJPUTS never let you down
We are all pride, no lust for gains
RAJPUT blood flows in our veins
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Name yash jhala
Thikana Bari Sadri
yash_mcx@yahoo.in
jhala.yash@gmail.com